Khwab Ho Tum Ya Koi Haqeeqat
Capt. Rakesh Kumar
5:41न तुम हमें जनो न हम तुम्हे जाने मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया न तुम हमें जनो न हम तुम्हे जाने मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया ये मौसम ये रात चुप है वो होठो की बात चुप है ख़ामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ ये मौसम ये रात चुप है वो होठो की बात चुप है ख़ामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ नज़र बन गई है दिल की ज़ुबां न तुम हमें जनो न हम तुम्हे जाने मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया मोहब्बत के मोड़ पे हम मिले सब को छोड़ के हम धड़कते दिलों का लेकिन ये करवा मोहब्बत के मोड़ पे हम मिले सब को छोड़ के हम धड़कते दिलों का लेकिन ये करवा के जाएंगे दोनों जाने कहा न तुम हमें जनो न हम तुम्हे जाने मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया न तुम हमें जनो न हम तुम्हे जाने मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया