Notice: file_put_contents(): Write of 599 bytes failed with errno=28 No space left on device in /www/wwwroot/muzbon.net/system/url_helper.php on line 265
Jani - Sehna | Скачать MP3 бесплатно
Sehna

Sehna

Jani

Альбом: Sehna
Длительность: 2:39
Год: 2022
Скачать MP3

Текст песни

कैसा सुकून है
हर पासे तू है
आता नई है मुझकौ सहना
भरदौ इस दिल के ख़ाके
बोलो बदले में किया दें
मुहब्बत कम पड़े तो कहना
लिख डाले क़सीदे कहीं तुम पढ़ती नहीं
नाज़ुक वो हालत, दिल और बिगड़ती रही
शिकायतें लबो पे आती रही
सुधरने की तौफ़ीक़ कहाँ थी अभी
ऐक शाम जब आओगे गीले गिनवाओगे
केहदुँगा मुझे तुम याद ही नहीं
इंतेहा हुई बस एब्ब
हर ज़ुल्म पहले से बढ़ कर
थम गये हैं वो आते आते जौ जान देते थे कल तक
आते हैं तेरे कदमों में
कितने मुझ जैसे हर शब ही
नायाब हैं उजाले बरसौ से
यह सारी रौनके तुझसे थी
तासूर अड़ह लगे आज
बे-क़ाबू हैं गम के साज़
किया कुछ करवा गयी है "मौसीक़ी"
वो ऐक लम्हा, ऐक ख़याल, लगता है अब ऐक ऐक साल
आज़ीज़ आगाए हैं खुद से ही
आज़ीज़ आगाए सहते सहते
हर अदा के आगे बहके
सिर्फ़ खेरियात पूछें वो
दिल लगा गये बैठे बैठे
किया अब दिल बेचाए बोलो
या घनीमत समझें दोनो
बारिश की तरह हू तुम भी मन बेहला देते हो छोड़ो
हँसना तक भूल चुके हैं हम
यह चेहरे उदास ही सही हैं
इतनी शिद्दत से टूटे हैं के जुड़ जायें वापिस सवाल ही नई हैं
नींद तो बस ऐक बहाना था
तुझ से रिहाई का दर्द-ए-तन्हाई का
वरना कसम खुदा की इन्न आँखौ में बचा कोई खुवाब ही नहीं है
आते हैं तेरे कदमों में
कितने मुझ जैसे हर शब ही
नायाब हैं उजाले बरसौ से
यह सारी रौनके तुझसे थी
तासूर अड़ह लगे आज
बे-क़ाबू हैं गम के साज़
क्या कुछ करवा गयी है "मौसीक़ी"
वो ऐक लम्हा, ऐक ख़याल, लगता है अब ऐक ऐक साल
आज़ीज़ आगाए हैं खुद से ही