Ganesh Kartikeya
Javed Ali
4:11खुल गई है आंखें अब मेरी शिव महादेवा जान गया आज मैं तुम्हें शिव महादेवा खुल गई है आंखें अब मेरी शिव महादेवा जान गया आज मैं तुम्हें शिव महादेवा आज मेरे मन की सारी दुविधाएं दूर हुई अब ये जाना आज तक ये सांसे मेरी व्यर्थ गई जीतेजीते थक गया मैं तुम्हें नकार कर निज कृपा की भस्म को मल दो मेरी देह पर मैं कर्महीन फिर भी तुमको पा गया शिवा शिवा शंकरा शंभु शिवा शंकर हर हरा हर हरा भीड़ भंजना लगे सारे झरने ही अभिषेक करे तेरा पेड़ों की ये डालियां त्रिशूल सी लगे मेघ है माथे त्रिपुंज से विश्व ये सारा शिवमय लगे जादू तुम्हारा है चारों दिशाओं में सब में उजाला है चंद्र कलाओं से पूजा और भक्ति क्या है कुछ ना जानू मैं अब कभी ना छूटे यूं हाथ थाम लो मेरा बस तेरी कृपा की छांव में रहूं सदा हर घड़ी मेरे सर पे शंभू हाथ हो तेरा शिवा शिवा शंकरा शंभु शिवा शंकर हर हरा हर हरा भीड़ भंजना क्या मैं तुझे नहला दूं बच्चे की तरह क्या मैं श्रृंगार करूं फूलों से तेरा अपने ही घर के बच्चों की तरह तेरे संग खेलूं होके मगन देखूं मैं स्वादिष्ट ये मां से लाया हूं ओ शिवैया बोलो तो मीठा शहद तुम्हें दे दूं बस यूं ही उम्र भर तुम्हें दुलारता रहूं ग्रीष्म शीत वर्षा में कैसे तुम रहे भला इस कठिन परिस्थिति में कैसे तुम जिए भला अब रक्षक हूं मित्र भी हूं साया भी तेरा शिवा शिवा शंकरा शंभु शिवा शंकर हर हरा हर हरा भीड़ भंजना शिवा पहले मिल जाते मुझे तो क्या बिगड़ता बोलो क्या ठीक है ये क्या थी विवशता अब तो ना कभी छोडूंगा तुम्हें रम्यता क्षमा कर दो तुम मुझे धन्य हूं जो तूने मुझ पे दया की छाया मिली मुझे तेरी जटा की चाहे मुझ पे जितना भी अब क्रोध तुम करो चाहे अब त्रिशूल से भेद डालो तुम मुझे चाहे अपने सर्पों डसवा दो तुम मुझे छोड़ू मैं तो नाम बदल देना तुम मेरा शिवा शिवा शंकरा शंभु शिवा शंकर हर हरा हर हरा भीड़ भंजना शंकरा हर हरा शंकरा शिव शिव शंकरा शंकरा शंकरा शिव शिव शंकरा हर हरा शंकरा शिव शिव शंकरा शंकरा शंकरा शिव शिव शंकरा हर हरा शंकरा शिव शिव शंकरा शंकरा शंकरा शिव शिव शंकरा आ शंकरा