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Jeet Gannguli - Gunaah (Unplugged) | Скачать MP3 бесплатно
Gunaah (Unplugged)

Gunaah (Unplugged)

Jeet Gannguli

Длительность: 5:38
Год: 2012
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Текст песни

तू मिल ना पाए
हम जी ना पाए
कही मर ना जाये कैसी है कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे तेरी ही पनाहे
कही मर ना जावे ज़िन्दगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के

आँखे है नम
धड़कन मधम अब मान जा रूठे सनम
सांसे चुभन टूटा सा मन और ना सता ओह जानेमन
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के

मेरा हर पल अब तो बोझल
वीरान सा, दिल यह हर दम
लाखों है गम, तन्हा है हम
कैसे सहें इतना सितम
तू मिलना पाए
हम जीना पाए
कहीं मारना जाए
कैसी है कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे
तेरी ही पनाहें
कहीं मार ना जाए ज़िंदगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के