Chaahat
Jeet Gannguli
4:23तू मिल ना पाए हम जी ना पाए कही मर ना जाये कैसी है कैसी है बेबसी दिल फिर से चाहे तेरी ही पनाहे कही मर ना जावे ज़िन्दगी गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के आँखे है नम धड़कन मधम अब मान जा रूठे सनम सांसे चुभन टूटा सा मन और ना सता ओह जानेमन गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के मेरा हर पल अब तो बोझल वीरान सा, दिल यह हर दम लाखों है गम, तन्हा है हम कैसे सहें इतना सितम तू मिलना पाए हम जीना पाए कहीं मारना जाए कैसी है कैसी है बेबसी दिल फिर से चाहे तेरी ही पनाहें कहीं मार ना जाए ज़िंदगी गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के