Narayan Mil Jayega
Jubin Nautiyal
4:41जहाँ पवन बहे संकल्प लिए जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते बस भक्ति के सुर में गाते हैं जहाँ पवन बहे संकल्प लिए जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं जहाँ पवन बहे संकल्प लिए जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते बस भक्ति के सुर में गाते हैं उस देवभूमि के ध्यान से मै धन्य धन्य हो जाता हूँ उस देवभूमि के ध्यान से मै धन्य धन्य हो जाता हूँ है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा मै तुमको शीश नवाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ हो जाता हूँ, हो जाता हूँ मांडवे की रोटी और हुड़के की थाप हर एक मन करता शिवजी का जाप ऋषि मुनियों की है ये तपोभूमी इतने वीरों की ये जन्मभूमी तुम आँचल हो भारत का जीवन की धूप में छाँव तुम तुम आँचल हो भारत का जीवन की धूप में छाँव तुम बस छूने से तर जाए सबसे पवित्र वो पाँव हो तुम बस लिए समर्पण तन मन से मै देवभूमी में आता हूँ है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा मै तुमको शीश नवाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ हो जाता हूँ, हो जाता हूँ है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा मै तुमको शीश नवाता हूँ मै तुमको शीश नवाता हूँ