Aashiq Hoon Baharon Ka (From "Aashiq Hoon Baharon Ka")

Aashiq Hoon Baharon Ka (From "Aashiq Hoon Baharon Ka")

Kishore Kumar

Длительность: 5:48
Год: 1977
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Текст песни

नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलझारो का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलझारो का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का

मुझे जो पसंद हो मैं छोड़ता नहीं
पर डरो मत फूलो को मैं तोड़ता नहीं
मुझे जो पसंद हो मैं छोड़ता नहीं
पर डरो मत फूलो को मैं तोड़ता नहीं
मुझको खबर है कि तुमसी नाजुक कलिया
छूने से शरमा जाती है
ये है आदत मेरी बिना मतलब के
ये नज़रे किसी चेहरे पे यूँही रुक जाती है
यूँही रुक जाती है
नहीं दिल में मेरे कुछ मेरे
मुझे शौक है सिर्फ नजारो को
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का

तुमसी हसीनो की हो ख़ाक कदर
हम लोग रंग रूप को न देखे अगर
तुमसी हसीनो की हो ख़ाक कदर
हम लोग रंग रूप को न देखे अगर
जिसकी तरफ कोई देखता नहीं पूछो उस से
कितनी तकलीफ होती है
जल जाता है वो दिल ही दिल में
जब सामने उनके औरो की तारीफ होती है
तारीफ होती है तो लट उलझी सुलझा दू
मतलब है ये मेरे इशारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलझारो का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का
मै आशिक़ हूँ बहारों का