Ye Mulaqat Ek Bahana Hai (From "Khandaan")
Lata Mangeshkar
4:40ओ अपने होंठों की अपने होंठों की बंसी बनाले मुझे मेरी साँसों में तेरी साँस घुल जाए आरज़ू तो हमारी भी है ये मगर डर है मौसम कहीं ना बदल जाए अपने होंठों की बंसी बनाले मुझे मेरी साँसों में तेरी साँस घुल जाए देखा तुझे चढ़ा ये कैसा नशा चली ये कैसी हवा भुले हम घर का पता हो हो देखा तुझे चढ़ा ये कैसा नशा चली ये कैसी हवा भुले हम घर का पता अब तो नहीं हमसे होना जुदा अपनी बाहों का घूँघट उढ़ा दे मुझे प्यार की ये ना डोली निकल जाए आरज़ू तो हमारी भी है ये मगर डर है मौसम कहीं ना बदल जाए हो हो हो ये तो बता कहाँ रखूँ ये कमल ज़िंदगानी है मेरी रेत का एक महल हो हो ये तो बता कहाँ रखूँ ये कमल ज़िंदगानी है मेरी रेत का एक महल याद जैसे हो कोइ आती गज़ल अपनी रातों का दीपक बनाले मुझे ये सुलगती हुई शाम जल जाए अपने होंठों की बंसी बनाले मुझे मेरी साँसों में तेरी साँस घुल जाए पास तो आ ये दिन मर जाने का है हो ये दिन कुछ खोने का है ये दिन कुछ पाने का है हो पास तो आ ये दिन मर जाने का है ये दिन कुछ खोने का है ये दिन कुछ पाने का है मौसम ये रूठने मनाने का है अपने दामन की खुशबू बनाले मुझे दिल के सूने में कोइ फूल खिल जाए आरज़ू तो हमारी भी है ये मगर डर है मौसम कहीं ना बदल जाए अपने होंठों की बंसी बनाले मुझे मेरी साँसों में तेरी साँस घुल जाए