Ek Ladki Bheegi Bhagi Si

Ek Ladki Bheegi Bhagi Si

Kishore Kumar

Длительность: 3:57
Год: 1957
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Текст песни

हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है हम्म्म

दिल ही दिल मे चली जाती हैं
बिगड़ी बिगड़ी चली आती हैं
दिल ही दिल मे चली जाती हैं
बिगड़ी बिगड़ी चली आती हैं
ढुँधलातीहुवी बलखाती हुवी
सावन की सुनी रातो मे
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है हम्म्म

डगमग डगमग लहकी लहकी
भूली भटकी बेह्की बेह्की
डगमग डगमग लहकी लहकी
भूली भटकी बेह्की बेह्की
मचलि मचलि घर से निकली
पगली सी काली रात मे
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो यह कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है हम्म्म

तन भीगा है सर गीला है
उसका कोई पेच भी ढीला है
तन भीगा है सर गीला है
उसका कोई पेच भी ढीला है
तन ती झुकती चलती रुकती
निकली अंधेरी रात मे
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो यह कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है