Intaha Ho Gai Dialogue

Intaha Ho Gai Dialogue

Kishore Kumar

Альбом: Sharaabi
Длительность: 4:40
Год: 1984
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Текст песни

औरत जब तक जिंदगी में न आए
मर्द की बात में वज़न पैदा नहीं होता
यही कहा करते थे ना आप
अब देख लिया
बात में वज़न पैदा करते करते हमारा वज़न कम हो गया
अच्छे खासे शरीफ इंसान को मरवा दिया आपने
इससे पहले कभी हमें किसी का इंतजार करते हुए देखा है आपने
ये तो ऐसे लग रहा है कि जब से हम पैदा हुए यहां बैठे किसी का इंतजार कर रहे हैं
ये ये ये मोमबत्ती बुझने से पहले अगर वो नहीं आई तो
हमें हमें मोमबत्तियों से हमेशा के लिए नफरत हो जाएगी

ला ला ऊ ला ला ऊ ला ला ऊ ला ला ऊ ला ला ला ला ला ला हम्म हम्म

इन्तहा हो गई इंतज़ार की हा
आई ना कुछ खबर मेरे यार की
ये हमें है यक़ी बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की
इन्तहा हो गई इंतज़ार की
आई ना कुछ खबर मेरे यार की
ये हमें है यक़ी बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की

हम्म
बात जो है उसमें बात वो यहाँ कहीं नहीं किसी में, हाय
वो है मेरी बस है मेरी शोर है यही गली गली में
साथ साथ वो है मेरे गम में
मेरे दिल की हर खुशी में हाय
ज़िन्दगी में वो नहीं तो कुछ नहीं है मेरी ज़िंदगी में
बुझ न जाए ये शमा ऐतबार की
इन्तहा हो गई इंतज़ार की, हा
आई ना कुछ खबर मेरे यार की
ये हमें है यक़ी बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की