Dillagi Ne Di Hawa (From "Dostana")
Kishore Kumar
5:55मसरिक से जो आए मगरिब मे खो गये अरे अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये ये अच्छे खासे लोग थे दीवाने हो गये अरे पूरब से जो निकले पश्चिम मे खो गये अरे अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये ये अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये होश मे वो सुन सकते तो उनसे इतना कहना था शरम वफ़ा हर औरत का एक परदा था एक गहना था देश इन्होने छोड़ दिया लेकिन घर मे तो रहना था अरे घर से जो निकले वो गलियो मे खो गये अरे अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये ये अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये इनको कुच्छ भी याद नही ये हर रीत भुला बैठे अपनी जान के ये दुशमन अपने मीत भुला बैठे शाम की बंसी राधा के सारे गीत भुला बैठे अरे गंगा के माजी मदिरो मे खो गये अरे अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये ये अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये माना और वतन है ये अपना हिन्दुस्तान नही इसमे ऐसे लोग भी है जिनकी कुच्छ पहचान नही जिनकी कुछ तहसीब नही जिनकी कोई दुकान नही अरे ये जाने पहचाने अंजाने हो गये अरे अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये ये अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये मसरिक से जो आए मगरिब मे खो गये अरे अच्छे ख़ासे लोग थे दीवाने हो गये ये अच्छे क़ाहसे लोग थे दीवाने हो गये