Shivji Bihane Chale 2.0
Lakhbir Singh Lakkha
4:41प्रभु की कृपा जो पानी है तुझे भव सागर तर जाना है तुझे कर ले राम नाम अंकित मन पे जो परम भक्त कहलाना है तुझे राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम राम भज राम माता सीता के प्यारे प्रभु राम के दुलारे माता सीता के प्यारे प्रभु राम के दुलारे सब विनती लिए आए है द्वारे तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा जलाओ ना भक्तो की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की इलाज बचाओ ना तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की लाज बचाओ ना हो हो हो हो जामवंत गुणगान किए जो तुम समुद्र को लांघ गए जामवंत गुणगान किए जो तुम समुद्र को लांघ गए मार लंक नी भेद के लंका तुम प्रभु राम का काज किए मार लंक नी भेद के लंका तुम प्रभु राम का काज किए वलशाली परचम लहराकर अक्षय का संघार किया भक्त विभीषण को पहचाना गले लगा के प्यार किया तेरी शरण में हम है हनुमत प्यारे तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा जलाओ ना भक्तो की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की इलाज बचाओ ना सियाराम सियाराम सियाराम सियाराम सियाराम सियाराम तुलसीदास को जुगत बताई प्रभु का दर्शन दिलवाया तुलसीदास को जुगत बताई प्रभु का दर्शन दिलवाया मित्र सुग्रीव का कष्ट निवारण प्रभु श्री राम से करवाया मित्र सुग्रीव का कष्ट निवारण प्रभु श्री राम से करवाया जय हो लाई संजीवन बूटी लक्ष्मण भैया पे उपकार किया उड़ के बंदी गृह रावण का शनीजी का उद्धार किया मानव क्या देव भी तेरे सहारे तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा जलाओ ना भक्तो की लाज बचाओ ना तुम अपनी गदा चलाओ ना भक्तों की इलाज बचाओ ना राम तिलक में बने सारथी विजय धवज को लहराया राम तिलक में बने सारथी विजय धवज को लहराया हाँ हाँ लंका का विद वंश किया सियाराम को मिलवाया लंका का विद वंश किया सियाराम को मिलवाया सियाराम के गुंजन से दसों दिशाए गूंज उठी सियाराम के गुंजन से दसों दिशाए गूंज उठी जय हो सियाराम के आने से सारी अयोध्या झूम उठी सियाराम के आने से सारी अयोध्या झूम उठी सियाराम सियाराम सियाराम सियाराम सियाराम सियाराम जय हनुमान