Lag Ja Gale Se Phir
Lata Mangeshkar
4:18मेरे बिछड़े साथी सुनता जा मेरे गीत है तेरे लिए मेरे बिछड़े साथी सुनता जा मेरे गीत है तेरे लिए मेरे बिछड़े साथी सुनता जा कल जो लगी थी तेरे गले से आज वो बिरहन पथ में पड़ी है पांवों के नीचे जलती है धरती सर पे विरह की धूप खड़ी है मेरे बिछड़े साथी सुनता जा मेरे गीत है तेरे लिए मेरे बिछड़े साथी सुनता जा दीपक से लौ दूर हो जैसे जैसे किरण सूरज से परायी देखे न होंगी जग ने सावरिया ऐसी मिले है मुझको जुदाई मेरे बिछड़े साथी सुनता जा मेरे गीत है तेरे लिए मेरे बिछड़े साथी सुनता जा प्यार सहारा था जीवन का प्यार ही मुझको रास न आया अब है भटकना गलियों गलियों साथ लिए अपनी ही छाया मेरे बिछड़े साथी सुनता जा मेरे गीत है तेरे लिए मेरे बिछड़े साथी सुनता जा