Naka Vicharu Dev Kasa
Manik Varma
3:08आ आ आ आ सांगूं कशी ग मनाची व्यथा ही सांगूं कशी ग मनाची व्यथा ही पायदळीं कुस्करिल्या या पायदळीं कुस्करिल्या या फुलांची कथा ही सांगूं कशी ग मनाची व्यथा ही मनाची व्यथा ही आ आ आ आ फुलली कलिका आ आ आ प्रणया मनीं ये भरती आ आ आ आ पडतां दवबिंदू तुंटे देंठ पाकळीवरती आ आ आ आ उरे एकली ग जुईची लता ही उरे एकली एकली एकली ग जुईची लता ही सांगूं कशी ग मनाची व्यथा ही आ आ आ आ मातींत मिळोनीहि मातींत मिळोनीहि तुझा गंध दरवळे तुझा गंध दरवळे झुलवाया आ आ आ झुलवाया तुज वारा ग वळवि पाउलें ग वळवि पाउलें आ आ आ आ तुझा जीविता रे पाळणा रिताही सांगूं कशी ग मनाची व्यथा ही आ आ आ आ प्रीतिफुला बकुळा रे नच पुरता फुललासी रंगविल्या आठवणी आसवांत उरलासी आ आ आ आ जळे जीवनीं या फुलाची चिता ही जळे जीवनीं या जळे जीवनीं या फुलाची चिता ही सांगूं कशी ग मनाची व्यथा ही मनाची व्यथा ही