Jiya Tu
Manoj Tiwari
5:20जिसका बाघ का क\रेजा देके ऊपर वाला भेजा जिसका बाघ का करेजा देके ऊपर वाला भेजा ओका काही डरवायी गुनहगार नगरी जिसका बाघ का करेजा देके ऊपर वाला भेजा ओका काही डरवायी गुनहगार नगरी जो सारा जीवन दुःख झेला हरदम खतरे से खेला जो सारा जीवन दुःख झेला हरदम खतरे से खेला अब रोक के दिखाए यह अंगार नगरी हो जिसका बाघ का करेजा देके ऊपर वाला भेजा ओका काही डरवायी गुनहगार नगरी हां हा ज्वाला रोक के दिखाए जिसको आना है वो आए आना है वो आए जिसको आना है वो आए हा ज्वाला रोक के दिखाए जिसको आना है वो आए यह तो चल पड़ी है प्रलय की धार नगरी हो महाकाल विकराल लागे कालों का भी काल महाकाल विकराल लागे कालों का भी काल गरम लोहे की करेगा वो संभाल दगरी हा ज्वाला रोक के दिखाए जिसको आना है वो आए यह तो चल पड़ी है प्रलय की धार नगरी जिसका बाघ का करेजा देके ऊपर वाला भेजा ओका काही डरवायी गुनहगार नगरी हां घायल शेर की हुंकार तूटे धैर्य की टंकार घायल शेर की हुंकार तूटे धैर्य की टंकार अब तो होगा आरपार किसके बाप की गढ़ी होगी ऐसी हाहाकार अरे होगी ऐसी हाहाकार भीषण वार, सौ संहार कोई रोके रक्तधार की फव्वार गगरी हो जेका बाघ के कारेजा देके ऊपर वाला भेजा ओका काई देरवाई, गुनहगार नगरी जे सारा जीवन दुख झेला हरदम खतरे से खेला अब रोक के दिखाए ये अंगार नगरी ज्वाला रोक के दिखाए जिसको आना है वो आए ये जो चल पड़ी है प्रलय की धार दगरी हो महाकर विक्राल लागे कालों का भी काल गर्म लोहे की करेगा को संभाल दगरी घायल शेर की हुंका तूटे धैर्य की टंकार अब तो होगा आरपार किसके बाप की गढ़ी होगी कैसी हाहाकार भीषण वार, सौ संहार कोई रोके रक्तधार की फव्वार गगरी जेका बाघ का कारेजा देके ऊपर वाला भेजा ओका काई देरवाई, गुनहगार नगरी