Tu Hi Tu
Mohammad Faiz
3:55हो ओ ओ ओ हां हां हां हां कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना ओ लगे ग़म गले तो मेरे दिल में आ जाना मेरा घर जलाने वाले सुन मेरी ओ तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना मगर आना इस तरह से के फिर लौट के न जाना ओ कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना ओ लगे ग़म गले तो मेरे दिल में आ जाना ओ मेरा घर जलाने वाले सुन मेरी ओ तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना मगर आना इस तरह से के फिर लौट के न जाना जब तेरे अपने भी तुझे छोड़ के जाएंगे और पानी में मिला के ज़हर पिलाएंगे ओ जब तेरे अपने भी तुझे छोड़ के जाएंगे और पानी में मिला के तुझे ज़हर पिलाएंगे वही हाथ काटेंगे तेरे जो हाथ मिलाएंगे जिन्हें जान जान कहते हो वही जान ले जाएंगे कौन अपना है तेरा कौन पराया ओ ये न पता चले तो मेरे दिल में आ जाना मगर आना इस तरह से के फिर लौट के न जाना ओ कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना ओ लगे ग़म गले तो मेरे दिल में आ जाना ओ मेरा घर जलाने वाले सुन मेरी ओ तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना मगर आना इस तरह से के फिर लौट के न जाना