Salamat Rahe Dostana Hamara (Part I) (From "Dostana")
Mohammed Rafi
4:24मेरे साथिया, सो ना जाना कहीं क़सम है तुझे खो ना जाना कहीं इसी नींद में डूब जाएगा तू मुझे ज़िंदगी-भर रुलाएगा तू घड़ी-दो-घड़ी ग़म की ये रात है अकेले नहीं हम, ख़ुदा साथ है गिरे हैं तो क्या है, सँभल जाएँगे कफ़स तोड़कर हम निकल जाएँगे बुरा वक़्त है, मगर ग़म नहीं जुदा होने वाले कभी हम नहीं हमें ज़िंदगी लूट सकती नहीं कि ये दोस्ती टूट सकती नहीं ...टूट सकती नहीं ये है प्यार बरसों पुराना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा शहर में कोई अपने जैसा नहीं शहर में कोई... हाँ, शहर में कोई अपने जैसा नहीं किसी और में ज़ोर ऐसा नहीं किसी वक़्त चाहे बुला लो हमें अगर शक हो तो आज़मा लो हमें ...आज़मा लो हमें ना जाएगा ख़ाली (निशाना हमारा) सलामत रहे दोस्ताना हमारा बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा तुझे छोड़कर मैं परेशान हूँ तेरी बेरुख़ी पे मैं हैरान हूँ मचलकर गले से लगा ले मुझे मैं रूठा हुआ हूँ, मना ले मुझे ...मना ले मुझे ना हो जाए रुसवा फ़साना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा