Main Har Ek Pal Ka Shair Hoon

Main Har Ek Pal Ka Shair Hoon

Mukesh

Альбом: Kabhi Kabhie
Длительность: 3:00
Год: 1976
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Текст песни

मैं हर एक पल का शायर हूँ
हर एक पल मेरी कहानी है
हर एक पल मेरी हस्ती है
हर एक पल मेरी जवानी है

मैं हर एक पल का शायर हूँ

रिश्तो का रूप बदलता है बुनियादें खत्म नहीं होतीं

ख्वाबो की और उमंगों की मियादें खत्म नहीं होतीं

एक फूल में तेरा रूप बसा एक फूल में मेरी जवानी है
एक चेहरा तेरी निशानी है एक चेहरा मेरी निशानी है

मैं हर एक पल का शायर हूँ
हर एक पल मेरी कहानी है
हर एक पल मेरी हस्ती है
हर एक पल मेरी जवानी है

मैं हर एक पल का शायर हूँ

तुझको मुझको जीवन अमृत अब इन हाथों से पीना है

इनकी धड़कन में बसाने है इनकी साँसों में जीना है

तू अपनी अदाएं बक्श इन्हें मैं अपनी वफाये देता हु
जो अपने लिए सोची थी कभी वो सारी दुआएं देता हूँ

मैं हर एक पल का शायर हूँ
हर एक पल मेरी कहानी है
हर एक पल मेरी हस्ती है
हर एक पल मेरी जवानी है

मैं हर एक पल का शायर हूँ
हर एक पल मेरी कहानी है
हर एक पल मेरी हस्ती है
हर एक पल मेरी जवानी है

मैं हर एक पल का शायर हूँ