Qissa
Mukul Sharma
3:22सुना है बहुत बारिशें हैं तुम्हारे शहर में ज़्यादा भीगना मत गलतफैमियाँ धुल गईं तो हम बहुत याद आएँगे जब होगी बरसात आएगी तेरी याद जब होगी बरसात आएगी तेरी याद (तेरी तेरी) होगी ये आँखें नम कर लूँ मैं ये फरियाद (होगी ये आँखें नम) जब भी बारिश आए तो मेरी ख़्वाहिश जागे (बारिश आए) जब भी बारिश आए शहर तेरे याद आएं (बारिश आए) सूरज मेरा तू बादल भी है तू लहरों से टकराता रही भी है बाहों में तेरे भुला दूंगा सब कुछ ये रातें मेरी तेरी आधी सी हैं तू गुज़ारिश मेरी है मर के भी हासिल वो बाज़ी मेरी तेरे मुताबिक सभी मैं चलता हूँ राहों में काँटे सही तू गुज़ारिश मेरी है मर के भी हासिल वो बाज़ी मेरी तेरे मुताबिक सही मैं चलता हूँ राहों में काँटे सही जब होगी बरसात आएगी तेरी याद (तेरी आएगी) होगी ये आँखें नम कर लूँ मैं ये फरियाद (होगी ये आँखें नम) अब रातों में सोता नहीं पर तू जा रही थी तो रोका नहीं कह देना धोखा सही पर दिल को दे दे ना इक मौका सही दिल अब धड़कता नहीं तेरे सदमे से उभरता नहीं मैं क्यों मरता नहीं तेरा बारिश में भी दिल पिघलता नहीं पर अब की बार एक हुआ कमाल बारिशें आईं पर आई ना याद आई सताने वो चौखट पे मेरी पर दिल में अब बस्ता नहीं तेरा प्यार फिर आई बरसात आई ना तेरी याद फिर उसके बाद मैंने कुछ नहीं खोया वो मेरी ज़िंदगी का आखिरी नुक़सान था