Qissa
Mukul Sharma
3:22तुझसे गिला नहीं तुझसे गिला नहीं तुझसे गिला नहीं क्यों क्यों तू मिला नहीं क्यों तू मिला नहीं क्यों तू मिला नहीं सूखी ज़मी हूँ मैं और बारिश की बूंदें तू If i were you मैं करता नहीं कि जैसे कि करती हूँ ज़ेहन में एक सवाल है louder than my thoughts क्यों (i don't know) बिछड़ के तुझसे तेरी यादें नहीं हैं मरती क्यों तू एक सवाल एक ग़ुरूर का ज़ेहन में अब भी I wanna die पर ज़िम्मेदारियाँ खत्म नहीं ये घर के मसले और हैं ये तेरा मसला और है मैं लड़का होता नहीं तो देता सब कुछ कल पे छोड़ खाली मकान है फिर तो दिल का लाए ना कोई सामान बस उसकी बाहें ला दो मुझको चाहिए आराम She knows कि प्यार कितना करता हूँ i can die for her She knows exactly जिसके जान भी दे सकते हम (वो जानती है) सारी रात तुझको खोने का डर ज़ेहन से गया है नहीं (it's never mind) तुझसे बिछड़ा मैं तो अपने भी घर को गया है नहीं मौत तो आसान नहीं वो एक पल का खेल है दर्द की नुमाइश हो लेकिन मज़ा है नहीं मैं ऐसे ही नहीं फिर मुस्कुराया फिर सारी उम्र नहीं पर तू नहीं तो शोहरतों को लगी है ठोकर ही सही ये आँसू क़ीमती हैं पर ज़ालिम ज़माने में बिकते ही नहीं अँधेरों में रहता है दिल दर्द किसी को दिखता ही नहीं महरम भी पास है और इलाज़ भी करने को ढूँढे सभी ज़ालिम ज़माने भी मुझको आज भी भरोसा होता है नहीं कमज़ोर घर था मेरा तूफ़ान तेरा चेहरा सरेआम लुटा पर इस शहर पर कोई भी ध्यान देता ही नहीं और फिर पता है क्या हुआ रहा बेज़ार दिला दे यार हिस्से का मुझको प्यार Maths में कमज़ोर था लगाना आता नहीं अभी तक हिसाब Its do or die मैं मरूँगा ये बात पक्की है पर यादें सताएँ तो आठवें पन्ने पर पढ़ना मेरी किताब दुनिया तमाशा अगर तो तूने भी खास कुछ किया ही नहीं मैं तेरे लिए मर गया तू मेरे लिए जिया भी नहीं सवालों का बस्ता है मेरे पास जवाबों की कोई उम्मीदें नहीं वफ़ाओं की बातें करेगा कौन वफ़ाओं से रोटी मिलेगी नहीं अँधा नहीं है इंसान बस देखना नहीं चाहता और मुझको भी दर्दों से मुँह फेरना नहीं आता दिमाग़ और दिल में चुनना दिल को आसान नहीं है ऊपर से हल्के कामों में मुझे मज़ा नहीं आता तुझसे गिला नहीं तुझसे गिला नहीं तुझसे गिला नहीं क्यों क्यों तू मिला नहीं क्यों तू मिला नहीं क्यों तू मिला नहीं मतलब जहाँ भी है जैसे भी है बस खुश रह हा पर तुझसे कोई गिला नहीं अलविदा