Notice: file_put_contents(): Write of 663 bytes failed with errno=28 No space left on device in /www/wwwroot/muzbon.net/system/url_helper.php on line 265
Naved Jafar - Kya Khoya | Скачать MP3 бесплатно
Kya Khoya

Kya Khoya

Naved Jafar

Длительность: 5:29
Год: 2014
Скачать MP3

Текст песни

मेरे मन चल दुनिया से अब दूर चलें
राहों की ऊँगली थामे चलते चलें
मेरे मन चल दुनिया से अब दूर चलें
राहों की ऊँगली थामे चलते चलें
ना ख़ुशी और ना ग़म हो जहां
ढून्ढ ले कोई ऐसी जगह

क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं
क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं

जो हो गया है वो होना था
जो हो रहा है वो होयेगा
काहे है कोसे लकीरों को
पायेगा वही जो बोयेगा
हो नए कुछ सवेरे जहां
ढून्ढ ले कोई ऐसी जगह

क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं
क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं

क़दमों को कर अपने आवारा
मौसम ना होंगे ये दोबारा
जीत ना पायेगा वो जग में
खुद से जो पहले से हो हारा
कुछ नए से हो सपने जहां
ढून्ढ ले कोई ऐसी जगह

क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं
क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं

मेरे मन चल दुनिया से अब दूर चलें
राहों की ऊँगली थामे चलते चलें
मेरे मन चल दुनिया से अब दूर चलें
राहों की ऊँगली थामे चलते चलें
ना ख़ुशी और ना ग़म हो जहां
ढून्ढ ले कोई ऐसी जगह

क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं
क्या खोया क्या पाया
इतना क्यों सोचे हैं
तू है नदिया, तू है दरिया
क्यों खुदको रोके हैं