Pehli Nazar Mein
Pritam
5:13कोई कसर ना रहे, मेरी खबर ना रहे छुले मुझे इस कदर बे इन्तेहाँ जब सांसों में तेरी सांसें घुली तो फिर सुलगने लगे एहसास मेरे मुझसे कहने लगे हाँ बाहों में तेरी आके जहाँ दो यूं सिमटने लगे सैलाब जैसे कोई बहने लगे खोया हूँ मैं आगोश में, तू भी कहा अब होश में मखमली रात की हो ना सुबह बे इन्तेहाँ बे इन्तेहाँ यूं प्यार कर बे इन्तेहाँ देखा करू सारी उम्र तेरे निशा बे इन्तेहाँ हां छु तो लिया है ये जिस्म तूने रूह भी चूम ले अल्फाज़ भीगे भीगे क्यों है मेरे हाँ यु चूर होके, मजबूर होके कतरा कतरा कहे एहसास भीगे भीगे क्यों है मेरे दो बेखबर भीगे बदन, हो बेसबर भीगे बदन ले रहे रात भर अंगड़ाईयाँ बे इन्तेहाँ बे इन्तेहाँ यूं प्यार कर बे इन्तेहाँ देखा करू सारी उम्र तेरे निशा बे इन्तेहाँ कोई कसर ना रहे मेरी खबर ना रहे छुले मुझे इस कदर बे इन्तेहाँ