Afreen Afreen
Rahat Fateh Ali Khan & Momina Mustehsan
6:41ज़िंदगी बेवफ़ा है ये माना, मगर छोड़कर राह में जाओगे तुम अगर छीन लाऊँगा मैं आसमाँ से तुम्हें सूना होगा ना ये दो दिलों का नगर रौनकें हैं दिल के दर पे... रौनकें हैं दिल के दर पे, धड़कनें हैं सुरमई मेरी क़िस्मत भी तुम्हारे साथ बन गई तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई ਜਾਣੀਆ, ਹਾਣੀਆ, ਤੂੰ ਵੀ ਸਿੱਖ ਕਦੀ ਦੁਖ-ਸੁਖ ਫੋਲਨਾ ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ ਦਿਲ ਮੇਰਾ, ਢੋਲਣਾ ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ ਦਿਲ ਮੇਰਾ, ਢੋਲਣਾ ਸੱਭ ਛੱਡ ਜਾਏਂ, ਤੂੰ ਨਾ ਮੈਨੂੰ ਛੋੜਨਾ ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ ਦਿਲ ਮੇਰਾ, ਢੋਲਣਾ ऐसा मैं सौदाई हुआ, धड़कनें भी अपनी तो लगती हैं तेरी आहटें, अरे-हाँ माँगी ना ख़ुदाई मैंने, माँगा ना ज़माना भी माँग ली हैं तेरी चाहतें ख़्वाहिशें मिलने की तुम से... ख़्वाहिशें मिलने की तुम से रोज़ होती हैं नई मेरे दिल की जीत मेरी मात बन गई हो, तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई इश्क़ मज़हब, इश्क़ मेरी ज़ात बन गई सपने तेरी चाहतों के... सपने तेरी चाहतों के देखता हूँ अब कई दिन है सोना और चाँदी रात बन गई पाया, मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाया तुम्हें, नग़्मे सा गाया तुम्हें पाया, मैंने पाया तुम्हें, सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें पाया, मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाया तुम्हें, नग़्मे सा गाया तुम्हें पाया, मैंने पाया तुम्हें, सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें