Kuch Is Tarah
Atif Aslam
5:14खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे दिल के करीब लाया दिल का नसीब रे दिल के करीब लाया दिल का नसीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे आँखों से ख्वाब रूठे अपनों के साथ छूटे तपती हुई राहों में पैरो के छाले फूटे हेय हेय आँखों से ख्वाब रूठे अपनों के साथ छूटे तपती हुई राहों में पैरो के छाले फूटे प्यासी तड़प रहे है साहिल क़रीब रे प्यासी तड़प रहे है साहिल क़रीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे आंसू नमक से लगे रिश्ते है कच्चे धागे रेत पे अपने साये खुद से क्यूँ दूर भागे हेय आंसू नमक से लगे रिश्ते है कच्चे धागे रेत पे अपने साये खुद से क्यूँ दूर भागे हेय खींच के हम को लाया कहाँ पे रक़ीब रे खींच के हम को लाया कहाँ पे रक़ीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे खुदाया वे हाय इश्क़ है कैसा ये अजीब रे