Shri Krishna Govind Hare Murari
Ravindra Jain
8:56जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोइ जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोइ जय जय अविनासी सब घट बासी व्यापक परमानंदा अविगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा जयति सच्चिदानन्दा, जयति सच्चिदानन्दा जयति सच्चिदानन्दा (जयति सच्चिदानन्दा)