Ziddi Dil
Vishal Dadlani
4:47सरहद पे चलें, सरहद पे हमें आवाज़ लगानी है (जय भारत माता!) माथे पे तिलक "जय हिन्द" लगा, वो मेरी निशानी है सरहद पे चलें, सरहद पे हमें आवाज़ लगानी है माथे पे तिलक "जय हिन्द" लगा, वो मेरी निशानी है सूरज की तरह (सूरज की तरह) सर चढ़ते हैं हम (सर चढ़ते हैं हम) पर्वत को गिरा के (पर्वत को गिरा के) बढ़ते हैं हम (बढ़ते हैं हम) चट्टान से चौड़े सीनों में तूफ़ान उठाना है है जोश में सरफ़रोश, लड़ जागा है बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो रुकना नहीं, झुकना नहीं, बढ़ते चलो बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो हम एक साथ हैं, एक निशाँ, बढ़ते चलो गरुण कहूँ (बोल, प्यारे, बलिदान परम धरम) जाठ बलवान (जय भगवान, सर्वदा शक्तिशाली) जय महाकाली (आयो गोर्खाली) दरिया की तरह (दरिया की तरह) हम बहते हैं (हम बहते हैं) लेकिन चौकन्ने (चौकन्ने हम) रहते हैं (हम रहते हैं) फ़ौलादी इरादे रखते हैं, हर फ़र्ज़ निभाना है है जोश में सरफ़रोश, लड़ जाना है (right, officer!) बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो रुकना नहीं, झुकना नहीं, बढ़ते चलो वीर मद्रासी (ஹே, அடிக்கொடு, அடிக்கொடு, அடிக்கொடு) बोला, श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की; जय! बदरी किशान लाल की; (जय!) बिरसा मुंडा की; (जय!) बजरंगबली की; (जय!) राजा रामचन्द्र की; (जय!) बोलो, हिंदुस्तान की; जय! ਜੋ ਬੋਲੇ ਸੋਨਿਹਾਲ (ਸਸਰੀਆਕਾਲ!) सरहद पे चलें, सरहद पे हमें आवाज़ लगानी है माथे पे तिलक "जय हिन्द" लगा, वो मेरी निशानी है सरहद पे चलें, सरहद पे हमें आवाज़ लगानी है (आवाज़ लगानी है) माथे पे तिलक "जय हिन्द" लगा, वो मेरी निशानी है कालिका माता की; (जय!) ज्वाला माता की; (जय!) दुर्गा माता की; (जय!) भारत माता की; (जय!) बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो रुकना नहीं, झुकना नहीं, बढ़ते चलो बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो हम एक साथ हैं, एक निशाँ, बढ़ते चलो बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो रुकना नहीं, झुकना नहीं, बढ़ते चलो (बढ़ते चलो) बढ़ते चलो (बढ़ते चलो), बढ़ते चलो (बढ़ते चलो) बढ़ते चलो!