Tanashahi
Shashwat Bulusu
5:36रात मे आबाद हो शौकीन हो घमासान हो मुलाक़ात हो और आराम हो समय भी मिले और दिन भी ढले यह क्या खेल है? की हम क़ैद है की महफूज़ है पर नाराज़ है चलते चले कौन तहे लोग? निकले तहे जो घर की ओर ज़िंदाबाद हो और आराम हो बागीचो मे भी इक अंदाज़ हो ज़िंदाबाद हो और इक शाम हो जब इश्स रात पे मुझे नाज़ हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो ज़िंदाबाद हो