Chaleya
Arijit Singh
3:21सिवा जग में मेरा ना कोई और आँखों के शहर में तेरा था इंतज़ार तुमसे तुम ही को माँगा मैंने उधर बाहों में अपनी आने दे एक बार तेरे सिवा जग में तेरे सिवा जग में तेरे सिवा जग में तेरा हूँ मैं इस लम्हा सर से पाओं तलक ऐसे मुझे थाम जरा मैं ना जाऊ छलक शौख से पि मुझे मैं तेरा जाम हूँ एक दफा ये जो मैं तो वो शाम हूँ तू ना मिले मुझको तो जीना हैं बेकार तेरे बिना खाली हैं ख्वाबो का बाजार तुमसे तुम ही को माँगा मैंने उधर बाहों में अपनी आने दे एक बार तेरे सिवा जग में तेरे सिवा जग में तेरे सिवा जग में