Dada Kishan Ki Jai (From "120 Bahadur")

Dada Kishan Ki Jai (From "120 Bahadur")

Sukhwinder Singh

Длительность: 4:02
Год: 2025
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Текст песни

जो भी सुनेगा उनकी कहानी
होगा वही मुरीद
अपनी धरती पर दिवाने कैसे हुए शाहिद

जो धड़ धड़ रास्ते में पत्थर बरसे जावे होय
हो धम धम ढोल पे हम आधा उढ़ल गावे होय
अपना काम ना झुकना है ना रुकना है
पर्वत रोके तो होय
पर्वत रोके तो ठोकर से उसे हटावे होय
जो धड़ धड़ रास्ते में पत्थर बरसे जावे

वीर है, महारथी है हम, इक बांधी एक जट्टड़ है हम
इक बांधी एक जट्टड़ है हम। इक बांधी एक जट्टड़ है हम
जिसमें दम हो ना जावे, लेते बढ़ के टक्कर हैं हम
लेते बढ़ के टक्कर हैं हम लेते बढ़ के टक्कर हैं हम
अरे, जब-जब सरहद हमें पुकारे, ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
अरे, जब-जब सरहद हमें पुकारे, गीता पढ़कर निकलें सारे
बोलो किशन की जय बोलो बोलो किशन की जय बोलो
बोलो किशन की जय बोलो बोलो किशन की जय
जो धड़-धड़ रास्ते में पत्थर बरसे जावे
तो धम-धम ढोल पे हम आल्हा ऊ दल गावे
अपना गाम ना झुकना है ना रुकना है
पर्वत रोके तो, पर्वत रोके तो ठोकर से उसे हटावे
जो धड़-धड़ रास्ते में पत्थर बरसे जावे

युद्ध हिमालय की घाटी में हुआ था जब कमसार
जान हाथे भी पड़ लाए थे एक सौ बीस जवान
भारत माता के बेटों को था एक स्वाभिमान
एक इंच धरती नहीं देंगे, दे देंगे हम राज

गोलियों की बारिशों में पिछे नहीं हटे थे हम
पिछे नहीं हटे थे हम
हां पिछे नहीं हटे थे हम
हो हो
गोलियों की बारिशों में पिछे नहीं हटे थे हम
सिने छलनी हो गये थे
पर हिम्मत नहीं हुई थी कम
हिम्मत नहीं हुई थी कम
हां हिम्मत नहीं हुई थी कम

अरे मरते मरते होठों पर था
मरते मरते होठों पर था
भारत माता भारत माता
भारत माता भारत माता
दादा किशन की जय बोलो
दादा किशन की जय

हो धड़ धड़ रास्ते में पत्थर बरसे जावे होये
हो धम धम ढोल पे हम आधा उढ़ल गावे होये
अपना काम न झुकना है न रुकना है
पर्वत रोके तो होये पर्वत रोके तो ठोकर से उसे हटावे होय
हो धड़ धड़ रास्ते में पत्थर बरसे जावे