Yahi Hota Pyaar
Himesh Reshammiya
6:24आ आ आ क्या इश्क़ की दलील दूँ क्या वक़्त से करूँ गिला के वो भी कोई और ही थी के वो भी कोई और ही था वो तेरे मेरे इश्क़ का इक शायराना दौर सा था वो तेरे मेरे इश्क़ का इक शायराना दौर सा था वो मैं भी कोई और ही थी वो तू भी कोई और ही था वो तेरे मेरे इश्क़ का इक शायराना दौर सा था वो आसमान छलांग के जो छत पे यूँ गले से लगे वो आसमान छलांग के जो छत पे यूँ गले से लगे वो रात कोई और ही थी वो चाँद कोई और ही था इक निगाह पे जल गए इक निगाह पे बुझ गए इक निगाह पे जल गए इक निगाह पे बुझ गए वो आग कोई और ही थी चिराग़ कोई और ही था वो तेरे मेरे इश्क़ का इक शायराना दौर सा था जिसपे बिछ गई थी मैं जिसपे लुट गया था तू जिसपे बिछ गई थी मैं जिसपे लुट गया था तू बहार कोई और ही थी वो बाग़ कोई और ही था जिसपे मैं बिगड़ सी गई जिससे तू मुकर सा गया जिसपे मैं बिगड़ सी गई जिससे तू मुकर सा गया वो बात कोई और ही थी वो साथ कोई और ही था वो तेरे मेरे इश्क़ का इक शायराना दौर सा था