Sita Ram Kahiye
Swami Shri Padmanabh Sharan
4:46ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय डमरूधारी तू चट्टान धारी तू अर्धनारी तुझे भोले भोले तीनों लोक में बजता श्लोक है तेरे नाम का भोले गरबड तू है समर्पण तू मैं अरपण हूँ मोहे पार लगा दे तेरे बिन मेरी आँखें तरसी सुन लो रे कैलाशी शिव शंकर शंकर शंकरा तुझमें बसा है जग सारा शिव शंकर शंकरा शंक्रियां तुझमें बसा है जग सारा शिव शंकर शंकर शंकरा तुझमें बसा है जग सारा शिव शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकरशंकर शिव शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकरशंकर ॐ नमः शिवाय मंतन का विष पान किया मैं नीलकण्ठ तेरा जाप जब हे त्रिपुरारी मेरे गंगाधर थे सृजन कर और संघार तू सिंघार तू खुंड की माला सोहे गले मृग छाल तू बैठा ओढ़े हुए आदि भी यूं और अंत है तू महाकाल ॐ नमः शिवाय काशीपति मेरे गिरिजापति सुन लो मैं गाए जाता हूँ तेरी स्तुति बना तुझे जो भी कीमत लगे देदु तेरे लिए प्राण की आहूति पति मेरे गिरिजापति सुन लो मैं गाए जाता हूँ तेरी स्तुति परांत तुझे जो भी कीमत पड़े दे दू तेरे लिए प्राण की आहुति आहुति चावली शिव शंक्र शंकरा तुझमें बसा है जग सारा शिव शंकरा शंकर शंकरा तुझमें बसा है जग सारा शिव शंकर शंकर शंकर तुझमें बसा है जग सारा शिव शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शंकर शिव जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले जय जय भोले ॐ नमः शिवाय