Mere Malik Ke Darbar Mein Sab Logo Ka Khata

Mere Malik Ke Darbar Mein Sab Logo Ka Khata

Vats Bandhu

Длительность: 5:29
Год: 2025
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Текст песни

हो हो हो हो

मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
जितना जिसके भाग्य में होता, हो हो
जितना जिसके भाग्य में होता वो उतना ही पाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता

आ आ आ आ

क्या साधू क्या संत गृहस्थी क्या राजा क्या रानी
क्या साधू क्या संत गृहस्थी क्या राजा क्या रानी

प्रभु की पुस्तक में लिखी है सब की कर्म कहानी
प्रभु की पुस्तक में लिखी है सब की कर्म कहानी
वही सभी के जमा खरच का, आ आ आ
वही सभी के जमा खरच का सही हिसाब लगाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता

हो हो हो हो

बड़े कड़े कानून प्रभु के बड़ी कड़ी मर्यादा
बड़े कड़े कानून प्रभु के बड़ी कड़ी मर्यादा

किसी को कौड़ी कम नही देता किसी को दमड़ी ज्यादा
किसी को कौड़ी कम नही देता किसी को दमड़ी ज्यादा
इसलिए तो दुनिया में ये, हो हो हो
इसलिए तो दुनिया में ये जगत सेठ कहलाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता

आ आ आ आ

करते हैं फ़ैसला सभी का प्रभु आसन पर डट के
करते हैं फ़ैसला सभी का प्रभु आसन पर डट के

इनका फैसला कभी ना बदले लाख कोई सर पटके
इनका फैसला कभी ना बदले लाख कोई सर पटके
समझदार तो चुप रहता हैं, हो हो हो
समझदार तो चुप रहता हैं मूरख़ शोर मचाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
जितना जिसके भाग्य में होता, हो हो
जितना जिसके भाग्य में होता वो उतना ही पाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता