Chitthi

Chitthi

Vishal Chandrashekhar

Длительность: 2:50
Год: 2022
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Текст песни

चिट्ठी है या कोई दिल है ये? (दिल है ये)
लफ़्ज़ों में धड़के है क्यूँ स्याही?
चिट्ठी नहीं, बादल है ये (बादल है ये)
लिपटी है मुझसे ये आसमाँ सी

सौंधे से पन्नों में मेरी सारी कमाई है
उड़ता हूँ काग़ज़ के क़तरों सा
जब से, हाँ, तू आई है

बरखा मिलती प्यासे को, हाँ, ऐसे तू मिली, जानाँ
यादें जैसे आती, तू भी बिन बुलाए चले आना

बरखा मिलती प्यासे को, हाँ, ऐसे तू मिली, जानाँ
यादें जैसे आती, तू भी बिन बुलाए चले आना

बातों में बातें हैं उलझी हुईं
पढ़ के मैं सुलझा जा रहा (जा रहा)
शब्दों से जोड़ा है चेहरा तेरा
चेहरे में घुलता जा रहा

तुझे लिए हाथों में चला जा रहा हूँ मैं
गिनता हूँ तारों को, फूलों को
ख़त में जो छुप के आए हैं

बरखा मिलती प्यासे को, हाँ, ऐसे तू मिली, जानाँ
यादें जैसे आती, तू भी बिन बुलाए चले आना
बरखा मिलती प्यासे को, हाँ, ऐसे तू मिली, जानाँ
यादें जैसे आती, तू भी बिन बुलाए चले आना