Ruposh (Original Score)
Wajhi Farooki
4:06रे रे रे ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी उससे फासलों पे यक़ीन क्यू बोहत है उससे फासलों पे यक़ीन क्यू बोहत है हूमें दूर रहना क्यू आता नही है ख़यालों में बरसे हम उनपे शायद ख़यालों में बरसे हम उनपे शायद मगर भीगना उनको आता नही है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी तूने कहा तू मेरा अक़्स है तेरे बिना खुदको देखा नही होके जुड़ा तुझसे क्या मैं कहु यादें तेरी थी रहट मेरी ज़िंदगी से कहाँ तू गयी अलविदा कहा भी नही जीने से ज़्यादा घूम का नशा है फकिरों सा मैं बस तुझे माँगता कभी रास्तों में कभी साहिलों पे कभी टूट कर खुदा के सब घरों में उससे फासलों पे यक़ीन क्यू बोहत है हूमें डोर रहना क्यू आता नही है ख़यालों में बरसे हम उनपे शायद मगर भीगना उनको आता नही है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी आवारगी है ज़िंदगी