Bhula Diya (Feat. Simran Kaur)
Zack Knight
3:21तेरी दिल्लगी के सिवा ये एन शीन क्या हे तेरी बात करने से रुकते नहीं मेरे लब ये मेरी भी सुनते नहीं तुम्हें है कसम मुझको अपना बनालो दीवानों के साथ ऐसा करते नहीं मेरी आँखों में आँखें डाल के जो देख ले तू तो के तेरी दीद के सदके मैं हम ने खुद को वार दिया है कि इक दिन तिश्नगी होठों से मेरे मिट ही जाएगी रात तो वक़्त की पाबंद है, ये ढल ही जाएगी मेरी उल्फत तेरे दिल में ठिकाना कर ही जाएगी के आधी रात की सज्दों में तुझ को रब से माँगा है मेरे होंठों से निकली ये दुआ दम भर ही जाएगी भर ही जाएगी तेरे बिना जागूँ सारी रात इंतज़ार में इतना बता दे क्या कमी है मेरी प्यार में आँखें दोनों तरसे ये तेरी ही दीदार को धोखा ना तू देना मुझे मेरी ऐतबार में कि तेरी याद आती है मुझे, अपना बनाती है अँधेरे में मुझे देखे तो वो शमा जला ती हे यार मेरी जान है, वो जान का आना जाना है याद आई गई या जाके आखिर तुझको आना है मेरी आँखों में आँखें डाल के जो देख ले तू तो के तेरी दीद के सदके मैं हम ने खुद को वारा है कि इक दिन तिश्नगी होठों से मेरे मिट ही जाएगी रात तो वक़्त की पाबंद है, ये ढल ही जाएगी मेरी उल्फत तेरे दिल में ठिकाना कर ही जाएगी के आधी रात की सज्दों में तुझ को रब से माँगा है मेरे होंठों से निकली ये दुआ दम भर ही जाएगी तेरी दिल्लगी के सिवा ऐन क्या है ये क्या शीन, ये बता काफ़ क्या है तेरी दिल्लगी के सिवा ऐन क्या है ये क्या शीन, ये बता काफ़ क्या है मोहब्बत तेरी मेरी साँसों में दौड़ मोहब्बत बिन मेरी औक़ात क्या है मेरी आँखों में आँखें डाल के जो देख ले तू तो के तेरी दीद के सदके मैं हम ने खुद को वार दिया है मेरा वादा है तुझको भी मोहब्बत हो ही जाएगी रात तो वक़्त की पाबंद है, ये ढल ही जाएगी मेरी उल्फत तेरे दिल में ठिकाना कर ही जाएगी के आधी रात की सज्दों में तुझ को रब से माँगा है मेरे होंठों से निकली ये दुआ दम भर ही जाएगी रात तो वक़्त की पाबंद है, ये ढल ही जाएगी मेरी उल्फत तेरे दिल में ठिकाना कर ही जाएगी के आधी रात की सज्दों में तुझ को रब से माँगा है मेरे होंठों से निकली ये दुआ दम भर ही जाएगी