Haaniya
Abhijeet Srivastava
3:09हाँ, मेरा घर है ये, घर है ये, माहिया वे, तेरी बाँहें महफ़ूज़ सा मुझको यहाँ पे रहने दे कि मुझको डर है ये, डर है ये, पल ये ना गुम हो जाएँ कहीं मेरी ही नज़र लग जाए इन्हें देखूँ बस तुझको, पाऊँ ही ना ख़ुद को ऐसे तू मुझको थाम ले इतने हसीं ये पल हैं, इनकी नज़रें मैं उतारूँ कुछ और काम क्यूँ करूँ, तुझको ही निहारूँ मैं तो वरगा ऐ रब्ब वरगा ऐ चेहरा तेरा चेहरा लगदा ऐ चांद भी फीका फीका रे यहाँ वरगा ऐ रब्ब वरगा ऐ चेहरा तेरा चेहरा लगदा ऐ चांद भी फीका फीका रे यहाँ चेहरा भी तेरा पढ़ लिया, नज़रों में तुझको भर लिया वे अब माँगूँ, अब माँगूँ मैं और क्या? गहरा सा तूने रंग दिया, हर ख़्वाब पूरा कर दिया वे अब माँगूँ, अब माँगूँ मैं और क्या? इतने हसीं ये पल हैं, इनकी नज़रें मैं उतारूँ कुछ और काम क्यूँ करूँ, तुझको ही निहारूँ मैं तो वरगा ऐ रब्ब वरगा ऐ चेहरा तेरा चेहरा लगदा ऐ चांद भी फीका फीका रे यहाँ वरगा ऐ रब्ब वरगा ऐ चेहरा तेरा चेहरा लगदा ऐ चांद भी फीका फीका रे यहाँ हो हो