Sahiba
Aditya Rikhari
3:11आ हा कोशम्पा इश्क़ मोहब्बत कोशम्पा ज़मीन पे जन्नत कोशम्पा रुई सा नरम चाय सा गरम इश्क़ मोहब्बत कोशम्पा तू मेरी जन्नत कोशम्पा मिट्टी के मकानों में है (मिट्टी के मकानों में है) दिल के दालानों में है (दिल के दालानों में है) मिट्टी के मकानों में है (मिट्टी के मकानों में है) दिल के दालानों में है (दिल के दालानों में है) ढलती ढलानों में है कोशम्पा (ढलती ढलानों में है कोशम्पा) राम प् प् राम प् प् राम प् प् प् रा रा भीगी भीगी वादियाँ है रुई सी नरम ताना बाना रिश्तों का चाय सा गरम छोटे छोटे घरों पे है रब का करम प्यार की पनीरी बोना गाँव का धरम रेशम सी डोरी में रिश्तों की बूंदी चमके चमक सी चम चम तेरा मेरा रिश्ता क्या आजा सोचे मिल के जिसमें बंधे हैं तुम हम रिश्ता रूहानी है वो चुनरी सदानी है वो रिश्ता रूहानी है वो चुनरी सदानी है वो (रिश्ता रूहानी है वो चुनरी सदानी है वो) कहता कहानी है वो कोशम्पा (कहता कहानी है वो कोशम्पा) रूह की रियासत कोशम्पा दिल की हुकूमत कोशम्पा इश्क़ मोहब्बत कोशम्पा तू मेरी जन्नत कोशम्पा राम प् प् प् रा रा राम प् प् प् रा रा आ आ आ आ आ आ सा रे गा मा पा