Kya Tan Kya Man

Kya Tan Kya Man

Amit Kumar | S. Janaki

Длительность: 6:15
Год: 1988
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Текст песни

गंगा से भी पावन है सागर से भी गहरा है
सांसों का संगम हो जाए इसलिये ये पल ठहरा है

क्या तन क्या मन क्या जीवन
क्या तन क्या मन क्या जीवन
सब कुछ कर दे समर्पण
आजा आजा आजा आजा आजा आजा
क्या तन क्या मन क्या जीवन
क्या तन क्या मन क्या जीवन
सब कुछ कर दे समर्पण
आजा आजा आजा आजा आजा आजा

सुंदरता से भी तू सुंदर यौवन का भरपूर समंदर
हो सुंदरता से भी तू सुंदर यौवन का भरपूर समंदर
जब जब देखूं तुझको जागे मन में कोई आकर्षण
आजा आजा आजा आजा आजा आजा
क्या तन क्या मन क्या जीवन
क्या तन क्या मन क्या जीवन
सब कुछ कर दे समर्पण
आजा आजा आजा आजा आजा आजा

सारी दूरी आज मिटा दे
जन्म जन्म की प्यास बुझा दे
सारी दूरी आज मिटा दे
जन्म जन्म की प्यास बुझा दे
मैं जलती तपती चिंगारी
तू जल बरसाता सावन
आजा आजा आजा आजा आजा आजा
क्या तन क्या मन क्या जीवन
क्या तन क्या मन क्या जीवन
सब कुछ कर दे समर्पण
आजा आजा आजा आजा आजा आजा