Sare Shikve Gile
Anuradha Paudwal | Mohd. Aziz
6:09चाँद गगन से फूल चमन से रह नहीं सकता दूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर दीप से ज्योति सीप से मोती मिलने पर मजबूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर जैसे कच्चे कांच के दर्पण ऐसे हैं ये प्यार के बंधन जैसे कच्चे कांच के दर्पण ऐसे हैं ये प्यार के बंधन तोड़ सके ना छोड़ सके ना बड़े बड़े मेगरूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर जीवन साथी साथ ना छोड़े जीवन साथी साथ ना छोड़े एक दूजे का हाथ ना छोड़े एक दूजे का हाथ ना छोड़ेभूल हुई तो चोट लगी तो होगा दर्द ज़रूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर लोग करे भगवान की पूजा प्यार हैं क्या भगवान हैं दूजा लोग करे भगवान की पूजा प्यार हैं क्या भगवान हैं दूजा प्यार वो पूजा एक मैं दूजा दिये मैं जैसे नूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर चाँद गगन से फूल चमन से रह नहीं सकता दूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर दीप से ज्योति सीप से मोती मिलने पर मजबूर यही हैं रीत यही दस्तूर यही हैं रीत यही दस्तूर