Duniya Alag (From "Dhadak 2")

Duniya Alag (From "Dhadak 2")

Arijit Singh

Альбом: Best Of Romance
Длительность: 3:59
Год: 2025
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Текст песни

तुम से ही मेरी कहानी, पहचान जैसे पुरानी
हूँ साथ मैं-तुम, साथिया
था ग़लत अपना यूँ मिलना, क्यूँ ग़लत लगता है दिल ना?
हों ग़लतियाँ चिंगारियाँ

मैं आग, तुम हो दामन
तुम राग हो, मैं सावन
मैं जहाँ रहूँ, हो तेरा वो जहाँ

दुनिया अलग मेरी-तुम्हारी, इक हुई राह अब हमारी
एक चाँद तू, मैं रात की दास्ताँ हूँ
किस ने चाह को हवा दी? ये आग क्यूँ जला दी?
एक चाँद तू, मैं रात की दास्ताँ हूँ

Hmm, संग रहते थे जो, ये कहते थे वो
"मोहब्बत ना हो जाए हमको कभी
जो हो जाए तो वहीं छोड़ दो वो राहें
ना जिनका हो हासिल कहीं"

था तुम ने छुआ, लगी थी दुआ
हुआ जो असर वो हम पे रहा
जो कल था कभी, वो ही आज है
सफ़र में तो हैं, पर मंज़िल नई

वो साथ था घड़ी-भर
है ज़िंदगी बड़ी पर
मिलना लिखा था अपना ही यहाँ

दुनिया अलग मेरी-तुम्हारी, इक हुई राह अब हमारी
एक चाँद तू, मैं रात की दास्ताँ हूँ
किस ने चाह को हवा दी? ये आग क्यूँ जला दी?
एक चाँद तू, मैं रात की दास्ताँ हूँ

यूँ ख़ाक से उठा कर हमें इश्क़ ने बनाया
बदली हवा, नया सब हो गया
यूँ ख़ाक से उठा कर हमें इश्क़ ने बनाया
बदली हवा, नया सब हो गया

दुनिया अलग मेरी-तुम्हारी, इक हुई राह अब हमारी
एक चाँद तू, मैं रात की दास्ताँ हूँ