Agriculture Song

Agriculture Song

B. Ajaneesh Loknath, Shatadru Kabir, & Arafat Mohamood

Длительность: 2:25
Год: 2025
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Текст песни

ಪುಲಿಯೇ, ಪುಲಿಯೇ ರೇ ಪೋಲೆ, ಪುವೆ ಪೊಂದುಲಯಾ
है चंद्रमा नीला मिला
मिलकर ही परिश्रमी फ़सल काटी
चमकीला धूप उतारा

हाथों में रस भरी है आँवला यहीं
हमें तो तंत्रों ने जीना सिखाया
जो अपनी प्यास बढ़ी, बनाया धरती सीढ़ी
लगन से आकाशों को झुकाया

आँखों में जो तेज़ी भरे तू (आ-हा, हो-हो, हो-हो)
माटी से भी ऊर्जा मिलेगी (आ-हा, ए-हे, ए-हे)
चाल में ही ख़ुशी छुपी है (आ-हा, हो-हो, हो-हो)
जंगल दुल्हन-सी खिली है (आ-हा, ए-हे, ए-हे)

ಪುಲಿಯೇ, ಪುಲಿಯೇ ರೇ ಪೋಲೆ, ಪುವೆ ಪೊಂದುಲಯಾ
है चंद्रमा नीला मिला
मिलकर ही परिश्रमी फ़सल काटी
चमकीला धूप उतारा

हाँ, फल मिलेगा, हल उठा ले
आ, कृषि वाले गीत तू गा ले
हाँ, फल मिलेगा, हल उठा ले
आ, कृषि वाले गीत तू गा ले

लेन-देन का नियम ठीक है
शक्ति स्वयं में भरना सीख ले

पत्थरों की भीड़ पे तू चल (आ-हा, हो-हो, हो-हो)
काँटों को तू चीर के निकल (आ-हा, ए-हे, ए-हे)
जीवित है तो ऊर्जा नयी ले (आ-हा, हो-हो, हो-हो)
रस्ता बना, ना किसी से डर (आ-हा, ए-हे, ए-हे)

ಪುಲಿಯೇ, ಪುಲಿಯೇ ರೇ ಪೋಲೆ, ಪುವೆ ಪೊಂದುಲಯಾ
है चंद्रमा नीला मिला
मिलकर ही परिश्रमी फ़सल काटी
चमकीला धूप उतारा