Mero Mann Vrindavan Mein Atko
Indresh Upadhyay
6:09ऐ सुन राधिका दुलारी तेरे द्वार का भिखारी तेरे श्याम का पुजारी इक पीड़ा है हमारी श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हम सोचते थे कान्हा कही कुंजन में होगा हम सोचते थे कान्हा कही कुंजन में होगा वो अभी तो मिलन का हमने सुख नहीं भोगा हाँ अभी तो मिलन का हमने सुख नहीं भोगा सुनके प्रेम की परिभाषा सुनके प्रेम की परिभाषा मन में बंधी थी जो आशा आशा हुई रे निराशा झूठी दे गया दिलाशा हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला देता है कन्हाई जिसे प्रेम की दशा देता है कन्हाई जिसे प्रेम की दशा हो सब विधि उसकी लेता है परीक्षा हो सब विधि उसकी लेता है परीक्षा कभी निकट बुलाये कभी निकट बुलाये कभी दूरियां बढ़ाये छलिया हाथ नहीं आये छलिया हाथ नहीं आये हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला अपना जहां जिसे कहे सब कोई अपना जहां जिसे कहे सब कोई उसके लिए मैं ही दिन रात रोई उसके लिए मैं ही दिन रात रोई नेह दुनिया से तोड़ा नेह दुनिया से तोड़ा नाता सांवरे से जोड़ा नाता सांवरे से जोड़ा उसने ऐसा मुख मोड़ा मुझे कही का ना छोड़ा हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला ऐ सुन राधिका दुलारी तेरे द्वार का भिखारी तेरे श्याम का पुजारी इक पीड़ा है हमारी हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला हमें श्याम ना मिला (श्याम ना मिला) हमें श्याम ना मिला (आ आ आ) हमें श्याम ना मिला (आ आ आ) हमें श्याम ना मिला (आ आ आ)