Shri Ram Chandra Kripalu

Shri Ram Chandra Kripalu

Jubin Nautiyal

Длительность: 4:03
Год: 2024
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Текст песни

तेरे चरण में है मेरा माथा
स्नेह तू ही तू ही नाता
रा से शुरू और मा पे खत्म है
दो अक्षरों की मेरी गाथा

मेरे गगन की तू ही लाली
तू ही दशहरा तू दीवाली
हे राम तव शरणम

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन
हरण भव भय तारुनम
नव कंजलोचन कंजमुखकर
कंजपद कंजारुणम

श्री राम श्री राम
श्री राम श्री राम

मेरे मनोरथ हैं
सारे तेरे बस में
चाँद खिला दे रे घोर अमावस में

लिख गए हैं बाबा तुलसी
अपनी मानस में
भक्तों को ठुकरा नहीं तू
यूं ही तो कहलाता नहीं तू
मर्यादा पुरुषोत्तम

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन
हरण भव भय तारुनम
नव कंजलोचन कंजमुखकर
कंजपद कंजारुणम

श्री राम श्री राम
श्री राम श्री राम

तुम चंद्रमा हम रैन रघव
प्राण हो तुम साँस हम
याचक तुम्हारे द्वार के हरि
मेघ हो तुम प्यास हम

लाएँ कहाँ से हे प्रभु
हनुमान सा विश्वास हम
पर रोम जितने तन में हैं
हर रोम से हैं दास हम

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन
हरण भव भय तारुनम
नव कंजलोचन कंजमुखकर
कंजपद कंजारुणम

श्री राम श्री राम
श्री राम श्री राम