Chand Gagan Se Phool Chaman Se
Mohd. Aziz
5:17अपनी बाहर देके सज़ा के किसी का घर दामन में सारी दुनिया के काँटे समेटकर लो जा रहा हैं लो जा रहा है लो जा रहा हैं खाख उड़ाता हुवा कोई खुद अपने घर को आग लगता हुवा कोई लो जा रहा हैं खाख उड़ाता हुवा कोई खुद अपने घर को आग लगता हुवा कोई लो जा रहा हैं लो जा रहा है कुदरत से जो मिली थी खुशी वो भी बाँट दी कुदरत से जो मिली थी खुशी वो भी बाँट दी कंधे पे गम का बोझ बनी है ये ज़िंदगी इंसानियत की शान बड़ता हुवा कोई लो जा रहा हैं लो जा रहा हैं लो जा रहा हैं खाख उड़ाता हुवा कोई खुद अपने घर को आग लगता हुवा कोई आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ खुद अपनी ज़िंदगी में अंधेरा किए हुए खुद अपनी ज़िंदगी में अंधेरा किए हुए आँखो में अपनी सेंकडो तुफ़ा लिए हुए उम्मीद के चिराग बुझता हुवा कोई लो जा रहा है लो जा रहा हैं लो जा रहा है खाख उड़ाता हुवा कोई खुद अपने घर को आग लगता हुवा कोई लो जा रहा हैं लो जा रहा है लो जा रहा हैं लो जा रहा है