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Javed - Mohsin
4:08तू सामने हो जहां भी मैं जाऊं साँसों से लूँ नाम ज्यादा तेरा तेरी निगाहों में मैं मुस्कुराऊँ हर दर्द तेरा हो आधा मेरा ख्वाब मुमकिन हुआ रात से दिन हुआ सिर्फ तुम और हम हैं अब यहां मैंने आसमा पे लिख दिया तू मेरा है मैं हूँ बस तेरा ओ रेत से समन्दर की तरह अब ये इश्क़ होगा बेपनाह मैंने आसमा पे लिख दिया मैं तेरी हूँ तू है बस मेरा ओ रेत से समन्दर की तरह अब ये इश्क़ होगा बेपनाह मंज़िलें ना जाने कितने रास्तों के बाद आई हैं बेखतम मुलाक़ातें सौ फासलों के बाद आई हैं ये हवाएं जाने कितने मौसमों के बाद आई है राहतें हमारे दिल को सौ ग़मों के बाद आई हैं ज़िन्दगी के लिए मांगते थे तुझे तू मेरी ज़िन्दगी ही बन गया मैंने आसमा पे लिख दिया मैं तेरी हूँ तू है बस मेरा ओ रेत से समन्दर की तरह अब ये इश्क़ होगा बेपनाह मैंने आसमा पे लिख दिया तू मेरा है मैं हूँ बस तेरा ओ रेत से समन्दर की तरह अब ये इश्क़ होगा बेपनाह