Runanubandhachya
Pt. Kumar Gandharva, Vani Jairam
6:24मलयगिरीचा चंदनगंधित धूप तुला दाविला स्वीकारावी पूजा आता, उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला पूर्व दिशेला गुलाल उधळुन पूर्व दिशेला गुलाल उधळुन ज्ञानदीप लाविला ज्ञानदीप लाविला गोरस अर्पुनि अवघे गोधन गोरस अर्पुनि अवघे गोधन गेले यमुनेला धूप, दीप, नैवेद्य असा हा धूप, दीप, नैवेद्य असा हा सदुपचार चालला स्वीकारावी पूजा आता, उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला रांगोळ्यांनी सडे सजविले रांगोळ्यांनी सडे सजविले आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ रांगोळ्यांनी सडे सजविले रस्त्यारस्त्यांतुन सान पाऊली वाजति पैंजण सान पाऊली आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ सान पाऊली वाजति पैंजण छुनु-छुनु-छु-छुन कुठे मंदिरी ऐकू येते कुठे मंदिरी ऐकू येते टाळांची किणकिण एकतानता कुठे लाविते एकतानता कुठे लाविते आ आ आ आ आ आ आ आ एकतानता कुठे लाविते एकतारीची धून एकतारीची धून निसर्ग, मानव तुझ्या स्वागता निसर्ग, मानव तुझ्या स्वागता असा सिद्ध जाहला स्वीकारावी पूजा आता, उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला राजद्वारी झडे चौघडा राजद्वारी झडे चौघडा राजद्वारी झडे आ आ आ आ राजद्वारी आ आ आ आ राजद्वारी झडे चौघडा शुभःकाल जाहला शुभःकाल जाहला सागरतीरी ऋषीमुनींचा सागरतीरी ऋषीमुनींचा वेदघोष चालला आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ सागरतीरी ऋषीमुनींचा वेदघोष चालला वन वेळूंचे वाजवि मुरली वन वेळूंचे वाजवि मुरली, छान सूर लागला आ, तरुशिखरावर कोकिलकविने पंचम स्वर लाविला स्वीकारावी पूजा आता, उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला उठी-उठी गोपाला