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Bargad

Bargad

Sufr

Альбом: Bargad
Длительность: 2:56
Год: 2025
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Текст песни

मन में है कच्ची कली, जो सिर्फ़ क़दमों से सजती तेरे
चूल्हे की आग में जलता हूँ रोज़, बस इक बस तेरे हाथ की रोटी के लिए
शबनम जैसे मुझमें घुल ही जा तू
दीवारों पे लिखा ये तेरा मेरा ही नाम
वो कहती है जो भूल गए तुम, बताओ न फिर अब जाएँ कहाँ

सूना सूना लगे बिना तेरे
करता रहा फिर भी सज्दा तेरा
तेरे होंठों तक जो है सफ़र मुझे, पहुँच ही जाना पर

बरगद तले जो मैं बैठूँ कभी
साये में भी दिखे चेहरा तेरा
तेरा ज़िक्र भी जादू करे
हवाएँ भी लाएँ संदेशा तेरा
ये दीवानापन मुझे ले डूबा
इन लकीरों में तू लिखी है या नहीं
करूँ नाम की तेरी इबादतें
तेरी कलियों का हूँ मैं आशिक़ तेरा
हाए
कि रानी तेरी एक झलक से मैं पागल
समेटूँ तेरी ख़ुशबू को चूम के चादर
हवा को रोक के धूल सजाता तेरी
पहने न तू पायल, बिन बताए आती यादों में भी
सोम का झरोखा
मानो आँखों में तेरी
मैं डूब सा गया हूँ करके पूजा जो तेरी
ये पलकें हैं भीग जाती
क्यूँ है तू इतनी प्यारी
मेरी भाषा ही बदल दी
प्यारी सीधी साधी
कि रानी जो तू आए तो इस दिल में हो हलचल
हूँ मैं पागल
बरगद तले इंतज़ार तेरा करूँ मैं कब तक
सूना सूना लगे बिना तेरे
करता रहा फिर भी सज्दा तेरा
तेरे होंठों तक जो है सफ़र मुझे, पहुँच ही जाना पर
बरगद तले जो मैं बैठूँ कभी
साये में भी दिखे चेहरा तेरा
तेरा ज़िक्र भी जादू करे
हवाएँ भी लाएँ संदेशा तेरा
ये दीवानापन मुझे ले डूबा
इन लकीरों में तू लिखी है या नहीं
करूँ नाम की तेरी इबादतें
तेरी कलियों का हूँ मैं आशिक़ तेरा