Rutho Jo Tum ( Tum Prem Ho)
Mohit Lalwani
3:24मैं जब जहाँ जाऊँ, तुम्हें साथ ही पाऊँ तुम से अलग, राधे, कैसे मैं रह पाऊँ? मेरे पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो राधे, पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो मेरे पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो राधे, पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो मेरी देह में, मेरे प्राण में, मेरी बाँसुरी की तान में मेरी देह में, मेरे प्राण में, मेरी बाँसुरी की तान में तुम ही तो हो हर श्वास में, मन के अटल विश्वास में हर क्षण तुम्हारा ही बस नाम दोहराऊँ तुम से अलग, राधे, कैसे मैं रह पाऊँ? मेरे पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो राधे, पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो मेरे पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो राधे, पास तुम रहो, मेरे पास ही रहो जा रे, जा रे, नटखट कृष्ण कन्हाई काहे, ओ-रे, कान्हा, तूने मुरली बजाई? बजाई, बजाई जब ये मुरलिया बाजे, मन का मयूरा नाचे मुझसे रहा ना जाए, कोई जोर चल ना पाए बावरी सी मैं हो जाऊँ साँवरी सी तेरी सूरत पे ओ-रे, कान्हा रे