Mere Bhagwan Mere Sang
Vicky D Parekh & Khyana Kothari
2:55प्रभु वीर ने मुक्ति का पथ दिखाया पथ को हम ही ने पंथ बनाया पथ के ऊपर एक बिंदु लगाया बिंदु में उलझे ,सिंधु भुलाया इस पंथ वाद ने हमे कहाँ पहुचाया किससे जीते हम हमने किसे हराया हमने किसे हराया रहे हम महावीर के ही बनकर ना श्वेतांबर, ना दिगंबर हम जैन है कहो हम जैन है रहे हम महावीर के ही बनकर ना श्वेतांबर, ना दिगंबर हम जैन है कहो हम जैन है ओ लेकर पुण्य का ये सागर जन्मे जैन कुल के अंदर हम जैन है कहो हम जैन है धरम से जैन है करम से जैन है संतो का,ग्रंथो का हमने सार नही जाना अनेक मत बना दिए,अनेकांत नही जाना आ आ आ आ जिन वाणी का,मर्म न जाना क्रियाओ को ही है धर्म माना ये संत तेरा,वो पंथ मेरा दिलो में देखा है भेद गेहरा दिलो में देखा है भेद गेहरा ज्ञान एक है एक है दर्शन एक है झंडा,एक है आगम सत्य अहिंसा बीज हमारे एक ही है नियम ये सारे एक ही है नियम ये सारे एक है णमोकार,तीर्थंकर ना श्वेतांबर, ना दिगंबर हम जैन है कहो हम जैन है रहे हम महावीर के ही बनकर ना श्वेतांबर, ना दिगंबर हम जैन है कहो हम जैन है धरम से जैन है करम से जैन है ॐ नमो अरिहंताणं नमामि वीरम, नमामि गौतम ॐ नमो सिद्धाणं क्षमा विरस्य भूषणम ॐ नमो आयरियाणं अहिंसा परमो धरम ॐ नमो उवज्झायाणं जैनो धर्मोस्तू मंगलम नमो लोए सव्वसाहूणं जैनम जयति शासनम जैनम जयति शासनम रेहना प्रदीप श्रावक बनकर न श्वेताम्बर, ना दिगंबर हम जैन है कहो हम जैन है रहे हम महावीर के ही बनकर न श्वेताम्बर, ना दिगंबर हम जैन है कहो हम जैन है धरम से जैन है करम से जैन है