Kyun Dhunde
Vilen
3:34कैसी वो मुराद थी जो आज जल गयी परियों के जेहेन में जो आग बन गयी देखि ना थी सपनों ख़यालो में कभी ऐसी ज़िंदगी से मुलाक़ात बन गयी तेरी आँखों की लेहेक को ना जाने ना जाने कैसी रात मिल गयी ना जाने कैसी रात मिल गयी ना जाने कैसी रात मिल गयी आँखें झुकती चुभन में अशकों में मगन ये कैसी तेरी साँसें चढ़ गयी हो सखियाँ देखे अंजुमन में सोचे सब मन में कैसी कैसी बाते बन गयी हो तेरी बातों की चेहेक को ना जाने ना जाने कैसी रात मिल गयी ना जाने कैसी रात मिल गयी ना जाने कैसी रात मिल गयी ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओह री चिड़िया ना तुझे री क्यों येह दुनिया भाए रे ओह रे पंछी क्यों हमेशा बैठी मुंह लटकाए रे तेरी आँख ये जो नम है इनमें जो ग़म है छोड़ के सुबह पे कर यकीन हो ये जो झूमता सावन है मीठी जो पवन है तेरी ही मुस्कान से है बनी हो तेरी बातों की चेहेक को न जाने ना जाने कैसी रात मिल गयी ना जाने कैसी रात मिल गयी ना जाने कैसी रात मिल गयी सोची थी जो रात वो आज मिल गयी धुएँ के बरस में बरसात मिल गयी देखी थी जो सपनों ख़यालो में कहीं खुशियों की किरण वो आज मिल गई ये ज़माना बेशरम है ना इसका धरम है क्यूँ ढूँढे है तू इसमें बंदगी ओह तेरे साथ तेरा मन है दिल की धड़कन है आगे बढ़ के जी ले ज़िंदगी.