Sahiba
Aditya Rikhari
3:11It's TEDD जानाँ, सुब्ह-ओ-शाम तू, बस सुब्ह-ओ-शाम तू है जो सीने में मेरे, इस दिल का नाम तू कब रात, कब सुब्ह, कुछ होश भर नहीं तू ही आख़िरी मेरा, मेरा पहला जाम तू जानाँ, सुब्ह-ओ-शाम तू, बस सुब्ह-ओ-शाम तू जानाँ, सुब्ह-ओ-शाम तू... जानाँ, सुब्ह-ओ-शाम तेरी हसरतें ना है आराम, बस करवटें ये दरमियाँ हैं क्यूँ सरहदें? क्यूँ हम बँधे, तू मेरे पास-पास आ, मैं थाम लूँ हर साँस-साँस आराम दूँ तू क़रीब आके कान में मेरे मेरी जान माँग ले तो जान दूँ एक बार सर झुका, तुझे माँग तो लूँ मैं इस जलते दिल को अब बस एक आराम तू जानाँ, सुब्ह-ओ-शाम तू, बस सुब्ह-ओ-शाम तू है जो सीने में मेरे, इस दिल का नाम तू कब रात, कब सुब्ह, कुछ होश भर नहीं तू ही आख़िरी मेरा, मेरा पहला जाम तू जो आरज़ू है तू ही तू है, तू ही तू है, तू ही तू है जो जुस्तुजू है तू ही तू है, तू ही तू है, तू ही तू है तू ही तू काफ़ी है, तू ही तू बाक़ी है तू ही मय-ख़ाना है, तू ही तू साक़ी है ले तेरे हाथों में चाहे तू ख़ंजर भी रख मेरे सीने पे, तुझको तो माफ़ी है तुझे देखने तो दे बस एक झलक मुझे बिन तेरे ज़िंदगी का इंतिज़ाम तू जानाँ, सुब्ह-ओ-शाम तू, बस सुब्ह-ओ-शाम तू है जो सीने में मेरे, इस दिल का नाम तू कब रात, कब सुब्ह, कुछ होश भर नहीं तू ही आख़िरी मेरा, मेरा पहला जाम तू